Wednesday, March 4, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए राजा साबू खेमे का समर्थन जुटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट 3011 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक कपूर ने पहला कदम बढ़ा दिया है

नई दिल्ली । दीपक कपूर को इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने के चक्कर में अब जब लोगों के बीच दिखने और सक्रिय होने की जरूरत महसूस हुई है तो उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट सुधीर मंगला का दामन पकड़ कर पेट्स में अपने लिए एक बड़ी भूमिका का जुगाड़ कर लिया है । उल्लेखनीय है कि दीपक कपूर डिस्ट्रिक्ट के कार्यक्रमों में कम ही नजर आते हैं । रोटरी में हालाँकि दीपक कपूर का बड़ा नाम है, किंतु उनका नाम रोटरी में धंधा जुटाने के संदर्भ में ज्यादा लिया/पहचाना जाता है । रोटरी के पब्लिकेशन के साथ जुड़ कर उन्होंने रोटरी के साथ सीधा सीधा धंधा तो किया ही है, पोलियो कार्यक्रम के मुखिया के तौर पर भी उन पर धंधा करने के ही आरोप रहे हैं । कुछ तो इन आरोपों के चलते हो सकने वाली फजीहत से बचने के लिए और कुछ अपने स्वभाव के चलते दीपक कपूर लोगों के बीच कभी-कभार ही प्रकट दिखे हैं । दीपक कपूर को रोटरी के नाम पर जो करना रहा, उसे करने के लिए लोगों के बीच सक्रिय होने/रहने की उन्हें कोई जरूरत भी नहीं थी - फलस्वरूप उन्होंने लोगों के साथ एक सुरक्षित किस्म की दूरी बनाये रखी । दीपक कपूर की रोटरी में करने/पाने की जिन ख्वाहिशों की चर्चा रही है, उनमें उनके इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने की बात भी हालाँकि रही है - किंतु इस नाते भी उन्होंने कभी सक्रियता दिखाने की जरूरत नहीं समझी । लोगों का मानना/कहना रहा कि दीपक कपूर ने शायद माना/समझा हुआ था कि पोलियो को लेकर उनकी तथाकथित उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें इंटरनेशनल डायरेक्टर ऐसे ही बना दिया जायेगा ।
दीपक कपूर को लेकिन अब समझ में आया कि लोगों के बीच सक्रिय हुए बिना वह इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की दौड़ में शामिल नहीं हो सकते हैं, लिहाजा उन्होंने अपनी सक्रियता बनाने/दिखाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं । और इस कोशिश के चलते चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले अपने डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3011 के पेट्स कार्यक्रम में अपने लिए मुख्य भूमिका ले ली है । इस कार्यक्रम में पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे । इसलिए दीपक कपूर के लिए यह कार्यक्रम एक अच्छा मौका है जिसमें अपनी सक्रियता दिखा कर वह राजा साबू का समर्थन जुटाने का भी जुगाड़ कर सकते हैं । राजा साबू खेमे के पास हालाँकि भरत पांड्या और सुरेंद्र सेठ के रूप में पहले से उम्मीदवार हैं, लेकिन उसे अभी यह तय करना है कि वह किस पर दाँव लगाये । पिछली बार मनोज देसाई के सामने भरत पांड्या की जो बुरी गत हुई थी, जिसके चलते भरत पांड्या ऑल्टरनेट उम्मीदवार का चुनाव भी नहीं जीत सके थे, उसके बाद अगली बार के लिए सुरेंद्र सेठ का नाम चला था । सुरेंद्र सेठ यूँ तो बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और उनकी रोटरी के साथ साथ रोटरी के बाहर भी अच्छी पहचान व प्रतिष्ठा है, लेकिन रोटरी की चुनावी राजनीति के हथकंडों को सँभालने की प्रतिभा का सुबूत उन्हें अभी देना है । ऐसे में, दीपक कपूर को लगता है कि वह अपनी उम्मीदवारी के लिए राजा साबू का समर्थन जुटा लेंगे । राजा साबू का समर्थन जुटाने के लिए दीपक कपूर को सक्रिय होना जरूरी लगा है ।
अगले दो वर्ष में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के लिए जयपुर से अशोक गुप्ता भी कमर कस रहे हैं । उन्हें कल्याण बनर्जी खेमे और खासतौर से मनोज देसाई से मदद मिलने की उम्मीद है । अशोक गुप्ता अपनी यूनिवर्सिटी में रोटरी के बड़े नेताओं को बुला बुला कर तरह तरह से खुश करते रहे हैं और अपने इसी हथकंडे के भरोसे इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की कुर्सी पर चढ़ जाने की उम्मीद लगाये हुए हैं । अशोक गुप्ता की ख्याति किसी भी तरह से लोगों को पटा कर अपना काम बना लेने का हुनर रखने वाले व्यक्ति की भी है; और उनके इसी हुनर के चलते कईयों को विश्वास है कि अगले इंटरनेशनल डायरेक्टर अशोक गुप्ता ही बनेंगे । हालाँकि अन्य कई लोगों को यह भी लगता है कि अशोक गुप्ता ने अपनी छोटी सोच से बनाये अपने रवैये से अपने विरोधी भी कम नहीं बनाये हैं और यह विरोधी ही उनकी राह में रोड़े डालेंगे ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी राजनीति से परिचित कई लोगों का यह भी मानना और कहना है कि रोटरी की चुनावी राजनीति में राजा साबू और कल्याण बनर्जी खेमे में अब पहले जैसी बहुत उठापटक वाली होड़ नहीं है; और इसीलिए मनोज देसाई की राह में राजा साबू खेमे की तरफ से रोड़ा डालने की कोई कोशिश नहीं हुई थी । मनोज देसाई पहले अशोक महाजन से हार गए थे और फिर दूसरी बार में जीत गए । इसी गणित से अगली बार भरत पांड्या का काम बन सकता है । भरत पांड्या को इंटरनेशनल डायरेक्टर बनवाना अशोक महाजन की अपनी साख से जुड़ा मामला भी है । पिछली बार अशोक महाजन की खासी सक्रियता के बावजूद भरत पांड्या नहीं जीत सके थे, तो इससे उनकी कम अशोक महाजन की ज्यादा किरकिरी हुई थी । अशोक महाजन इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने की लाइन में हैं । इस नाते यह किरकिरी की बात है भी कि वह अपने आदमी को इंटरनेशनल डायरेक्टर नहीं बनवा सकते ? अगली बार चुनाव के संदर्भ में भी, अशोक महाजन का समर्थन भरत पांड्या के लिए यदि पूँजी है तो वह मुसीबत भी है । राजा साबू खेमे के ही कई एक नेता अशोक महाजन को 'नीचे खींचने' के उद्देश्य से भरत पांड्या का काम बिगाड़ सकते हैं । दीपक कपूर ऐसे नेताओं के भरोसे ही राजा साबू खेमे के उम्मीदवार होने की जुगाड़ में हैं । इस जुगाड़ को पूरा करने के लिए पहला कदम दीपक कपूर ने बढ़ा दिया है । उनका यह कदम इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए राजा साबू खेमे में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर पायेगा, या नहीं - यह आने वाले समय में पता चलेगा ।